सूचना प्रौधोगिकी के तीव्र प्रसार और संगठन के प्रकार्यों पर इसके सीधे प्रभाव के कारण, आईटी और इसकी प्रकार्यात्मक इकोप्रणाली को इससे अलग नहीं रखा जा सकता । आई टी के प्रसार का एक दूसरा पहलू यह है इससे प्रेरित होने वाले साइबर अपराधों के खतरे के प्रति इसकी सुभेद्यता। अतः कुटिल साइबर अपराधों के समग्र खतरे के परिप्रेक्ष्य में सरकारी/शासकीय साइबर स्पेस को सुरक्षित रखना संगठनात्मक रूप से अनिवार्य हो जाता है ।
मानकीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन ने साइबरसुरक्षा या साइबरस्पेस सुरक्षा को गोपनीयता, निष्ठा और साइबरस्पेस में सूचनाओं की उपलब्धता के परिरक्षण के रूप में परिभाषित किया है । बदले में, “साइबरस्पेस” को तकनीकी उपकरणों और इससे जुड़े नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट पर लोगों, सॉफ्टवेयर और सेवाओं की बातचीत के परिणामस्वरूप जटिल वातावरण के रूप में परिभाषित किया गया है, जो किसी भी भौतिक रूप में मौजूद नहीं है ।
1. साइबर सुरक्षा नीति
2. साइबर संकट प्रबंधन योजना
3. साइबर सुरक्षा ढांचा
साइबर सुरक्षा संदर्भ दस्तावेज:
संदर्भ दस्तावेज |
फाइल/दस्तावेज |
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 |
(292 KB) |
मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी की भूमिका |
(477 KB) |